नई दिल्ली- प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है। उसने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये सरकार ने इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन तय किया है। इससे प्याज निर्यात कम करने में मदद मिलेगी और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ने से दाम में कुछ राहत मिलेगी। देश में आज प्याज की कीमत बढने से लोग त्राहि त्राहि कर रहें हैं ,अगर लोगो को सब्जियों में तड़का लगाने के लिए प्याज लेना है
तो उसकी कीमत सुन लोग लेने से ही कतराते है और यह सोचने पर मजबूर हो जाते है कि बिना प्याज के ही खाना खाया जाए तो अच्छा है।अगर हम बात करें तो मध्यम वर्गीय परिवार के लोग प्याज की कीमत सुनते ही दुकानों से काफी दूरी बना लेते है खैर पैसों वालो के लिए कोई मायने नही रखता।
वही बस्ती जिला प्रशासन ने प्याज़ की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के एक नया तरीका इख्तियार किया है जिससे लोगो को आसानी से कम कीमतों में लोगों को प्याज उपलब्ध हो सके, यह सब डीएम आशुतोष निरंजन की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया है ,जिला पूर्ति अधिकारी रमन मिश्रा ने बताया कि प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने और प्याज के थोक व्यापारियों द्वारा जमाखोरी व मुनाफाखोरी रोकने हेतु जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी गयी है ।
प्याज को खरीदने में लोगों के आंसू निकल रहे हैं. अगर हम बात करे बस्ती की तो यहाँ के लोग भी प्याज़ की बढ़ती कीमतों से बहुत ज्यादा परेशान है. यहां थोक बाजार में पुरानी प्याज की कीमत 5400-5500रु प्रति कुंतल और नयी प्याज की कीमत 2800-3000 रु प्रति कुंतल है वही अगर देखा जाए यही प्याज फुटकर व्यापारियों द्वारा बाजार में 70-80 रु प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है.
डीएसओ रमन मिश्रा ने बताया कि नागरिकों को उचित दर पर फुटकर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सचिव मण्डी समिति व प्रबन्धक कर्मचारी कल्याण निगम बस्ती के स्तर से स्टाल लगाकर बिक्री की जाएगी जिससे जनता को आसानी से इसकी उपलब्धता हो सके।
उन्होंने बताया कि मण्डी समिति द्वारा नवीन मण्डी स्थल व दक्षिण दरवाजा पर तथा कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा कर्मचारी कल्याण निगम कार्यालय के बाहर कलेक्ट्रेट परिसर में स्टाल लगाये जाने की व्यवस्था की गयी है ।
बताया गया कि एक व्यक्ति को दो किलो प्याज न्यूनतम मूल्य पर दिया जाएगा और नाम व मोबाइल न0 भी नोट किया जाएगा ।
Posted by -Anand Pandey